माँ धनलक्ष्मी
धनलक्ष्मी की हो कृपा, भरे देश भंडार
रहे सदा ही संपदा, बरसे कुबेर धार ।
बरसे कुबेर धार, राष्ट्र बने धनवान
रहे सदा ही आगे हिंदराष्ट्र हमेशा
विष्णु सिरमौर रहे अर्थव्यवस्था अपनी
स्वर्ण धान भंडार भर दे माँ धनलक्ष्मी।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’