माँ तमसा नदी सफाई महा अभियान आजमगढ़
लेकर कुदाल लो कूद पड़े
करने कल्याण वो जूझ पड़े
माँ तमसा को आज़ाद कराने
कलुशित बेड़ी से छुड़वाने
कलजुग के भागीरथ
जैसे हो मांझी दशरथ
जुड़ती गयी कड़ी से कडी
जन जागरण की बयार चली
था मुक्त कराना तमसा को
मुक्ति दायिनी ममता को
इतिहास के पन्ने लिखने चले
फिर से ये पावन नदिया बहे
लम्बा था बहुत मीलों का सफर
दीवानों का ये मुश्किल सफर
परवाह कब थी परवानो को
अपनी धुन के मस्तानों को
पावन तमसा में दीप जले
आल्हादित जैसे गीत बजे
पाकर नवयौवन तमसा
मौजें भी लगी इठलाने
चमन में आयी बहारें
कलियाँ भी लगी शर्माने
हुये फिर से दरस मनभावन
खुशियों के दीप जले
जय जय जय मां तमसा
जय जय जय माँ तमसा
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Jagmohan Saxena
9414140044