*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
माँ जननी सदा सत्कार करूँ
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माँ जननी सदा सत्कार करूँ,
सारी खुशियाँ मै उपहार करूँ।
ख्यालों में ख्याल तेरा हर दम,
तेरे ख्वाबों को साकार करूँ।
चरण कमल में रहकर जननी,
खुद पर ही मै उपकार करूँ।
जन्म देकर है संसार दिखाया,
सदा महिमा मै अपरंपार करूँ।
सुख देकर खुद दुख है सहती,
सारे कारज तेरे अनुहार करूँ।
ऋण तेरा कभी ना चुका पाऊँ,
तेरे दुख दर्दों का अपहार करूँ।
मनसीरत माँ सा रूप ना दूजा,
पूजा अर्चना मै बारम्बार करूँ।
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)