माँ का दरबार
शुभ दिवस यह आया हैं ,
संग खुशियां हजार लाया हैं ।
चलो चले माँ के दरबार में,
लगाने भक्ति का अम्बार ।
जब करते मन से देवी दर्शन,
दूर हो जाते सब बाधा विघ्न ।
गूँज रहे देखो जय जयकारे,
सब भक्तजन माँ को पुकारे ।
नित भजन भंडारे चलते,
कन्या पूजन सब करते ।
प्रातः माँ पर जल चढ़ाते,
भक्त श्रद्धा से पैदल आते ।
नौ दिन चले यह पर्व,
हमारी संस्कृति का गर्व ।
साल में दो बार आता है,
संग खुशियां लाता है ।
।।जेपीएल।।