Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया

माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
मैंने बचपन खुद ही उस दिन छोड़ दिया

164 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

" चेतावनी "
Dr. Kishan tandon kranti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
डॉ0 रामबली मिश्र:व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ0 रामबली मिश्र:व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Rambali Mishra
मत मन को कर तू उदास
मत मन को कर तू उदास
gurudeenverma198
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
"तुम्हें कितना मैं चाहूँ , यह कैसे मैं बताऊँ ,
Neeraj kumar Soni
3876.💐 *पूर्णिका* 💐
3876.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
अपने मोहब्बत के शरबत में उसने पिलाया मिलाकर जहर।
अपने मोहब्बत के शरबत में उसने पिलाया मिलाकर जहर।
Rj Anand Prajapati
क्षणिकाएँ   ....
क्षणिकाएँ ....
Sushil Sarna
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
*प्रणय*
ई भारत देश महान हवे
ई भारत देश महान हवे
आकाश महेशपुरी
तेरे ना होने का,
तेरे ना होने का,
हिमांशु Kulshrestha
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
Ravikesh Jha
मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रूक्मणी
रूक्मणी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आसमान - घौंसला !
आसमान - घौंसला !
पूर्वार्थ
आपो दीपो भवः
आपो दीपो भवः
Karuna Bhalla
चौराहा
चौराहा
Shekhar Deshmukh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
Monika Arora
तुम बिन जीवन
तुम बिन जीवन
Saraswati Bajpai
*कौन लड़ पाया समय से, हार सब जाते रहे (वैराग्य गीत)*
*कौन लड़ पाया समय से, हार सब जाते रहे (वैराग्य गीत)*
Ravi Prakash
टूटने का मर्म
टूटने का मर्म
Surinder blackpen
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
नूरफातिमा खातून नूरी
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
Rj Anand Prajapati
भुला न पाऊँगी तुम्हें....!
भुला न पाऊँगी तुम्हें....!
शिवम "सहज"
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
डॉ. दीपक बवेजा
Loading...