माँ कात्यायनी
प्यारा षष्ठी रूप है, कात्यायनी सुनाम ।
श्रद्धा भाव उपासना, मिले मोक्ष सुखधाम।।
मिले मोक्ष सुखधाम, तारती माँ जगदम्बे।
महिमा अपरंपार, हरे विपदा सब अम्बे ।।
वरमुद्रा में हाथ, कृपामय जग यह सारा ।
चमकीला है वर्ण, रूप अतुलित है प्यारा ।।
वन्दना नामदेव