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25 May 2024 · 1 min read

म़गरुर है हवा ।

दोस्तों,
एक ग़ज़ल आपकी मुहब्बतों की नज़र अपनी खूबसूरत दुआओं से नवाजे….!!

ग़ज़ल
====

दुश्मन की हर कोशिश नाकाम करनी है
जिंदगी जुल्मो-सितम के नाम करनी है।
========================

हम हो न हो क्या फर्क पड़ना है जहाँ में,
जिस्म काम आऐ ये बात आम करनी है।
========================

वो लाख पहरे लगाऐ राहों में मेरी मगर,
कसम निंद उसकी, हमें हराम करनी है।
========================

म़गरुर है हवा पक्ष में जो उड़ रही उसके,
मोड़ दूंगा दिशा कोशिश तमाम करनी है।
========================

गुफ्तगू में क्या रखा है, सुनो बात हमारी,
जुर्म की दास्ताँँ उसकी सरेआम करनी है।
========================

करते रहो दुवाऐं सब ओ रोज मेरे लिए,
इक दिन दुवाऐं तो ‘जैदि’ काम करनी है।
========================

शायर:-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”

Language: Hindi
2 Likes · 29 Views
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