महोत्सव
जब भी आता कोई महोत्सव,
दुःख, चिंता का होता पराभव।
घर-आँगन सज जाता है,
मन पुलकित हो जाता है।
चाहे होली हो या दीवाली,
लेकर आती हैं खुशहाली।
उत्सव एकता है सिखलाता,
प्रेम करो सभी से बतलाता।
रक्षाबंधन की सीख यही,
बहनों की रक्षा करो सभी।
गणेश चतुर्थी में गणेश भगवान,
प्रथम पूज्य हैं देव महान।
नवरात्र में नौ देवियों की पूजा,
हरती हैं जो जग की विपदा।
हारता सदा है अधर्मी,
बतलाता यह विजयदशमी।
दीपों का पर्व है दीवाली,
रामागमन की खुशहाली।
छठ में छठ माता का पूजन,
सूर्य को करते अर्घ्य अर्पण।
बुराई का अंत हो जाता है,
होली यह बतलाता है।
ये प्रतीक हैं पुरातनता के,
जो पोषक हैं मानवता के।
इनको अक्षुण्ण बनाए रखना है,
निज धर्म का पालन करना है।