महिला दिवस पर विशेष
नारी दिवस विशेष
महाभारत होता है औरत से
सिख अभी इस बात को सुनकर
गर अपमान किया औरत का
हर चौराहा महाभारत होगा ,
बचा नही कोई दुनिया में
औरत के अपमानों से
औरत की सम्मान में सुख हैं
अपमान में लाखों शहादत होगा,
हर मुश्किल से लौट के आया
औरत का सम्मान किया जो
औरत का सम्मान हमेसा
ईश्वर का ही इबादत होगा,
औरत की अपमान से मिटा
कुरु रावण का वंश ही सारा
औरत की जो मान में मिटा
उसी का सारा इमारत होगा ,
चाहे यवन हो चाहे गगन हो
सब औरत के लिए ही डूबा
बचा ना पाया अपनी दौलत
जो लड़ा उसकी का रियासत होगा,
औरत का सम्मान किया जो
उसकी बात हमेसा माना
रहेगा हरदम शौकत उसकी
उसी का हरदम सियासत होगा ।।
©बिमल तिवारी “आत्मबोध”
देवरिया उत्तर प्रदेश