महा कवि वृंद रचनाकार,
महा कवि वृंद रचनाकार,
कविता- छंद- पद -दोहे,
बहे मधु राग रस धारा,
लिए सुर साज रे! हिंदी।।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,
अलंकृत भाल पे बिंदी।
महादेवी – निराला की,
बिहारी लाल की हिंदी।।
नीलम शर्मा ✍️
महा कवि वृंद रचनाकार,
कविता- छंद- पद -दोहे,
बहे मधु राग रस धारा,
लिए सुर साज रे! हिंदी।।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,
अलंकृत भाल पे बिंदी।
महादेवी – निराला की,
बिहारी लाल की हिंदी।।
नीलम शर्मा ✍️