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25 Jan 2024 · 1 min read

महामारी एक प्रकोप

जूझ रहे है, हर नर- नारी
देखो कैसी समस्या आन पड़ी
महामारी का वार भारी है आज
मेहसूस करो वह कहर
जो धरती माता सह रही l

दूषित है वातावरण शायद
मौसम देखो बदल रहा
कुकर्मो की संख्या ज्यादा है शायद
धरती माँ कब तक चुप रहती ?ll

अपराधी है शायद मनुष्य जाती
तभी अदृश्य जंजीरों ने जकड़ा है
अभी तो शुरूवात है
ना जाने कितना कुछ सहना है lll

हे करुणानिधान! हे प्रभू !
संसार को इस महामारी से मुक्त करो
समस्याओं का आंच फैल रहा अब
दसों दिशाओं का दुख
शांत करो अब !
शांत करो अब !
शांत करो अब ! llll

Sueta Dutt Chaudhary
फीजी 🇫🇯

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