Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

“” *महात्मा गाँधी* “”

“” महात्मा गाँधी “”
****************

( 1 )” “, महान
कार्य करें
सत्य पथ पे चलें,
और बढ़ते रहें निरंतर !
संग साथ सभी को लेकर बढ़ें…
रखें राष्ट्रहित सोच को सदैव ही ऊपर !!

( 2 )” हा “, हासिल
हुई आजादी
सभी के समवेत प्रयासों से,
और बापू के अथक तप त्याग से !
चली ये लंबी लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ….,
ब्रितानी हुकूमत झुकी सत्याग्रहके आगे !!

( 3 )” त् “, त्याग
तपस्या बलिदान
धर्म अहिंसा कर्तव्यपथ पे,
रहे बापू सदैव ही अनवरत चलते !
और कभी छोड़ा नहीं आजादी का लक्ष्य….,
दिलवाई स्वतंत्रता सत्यमार्ग पे आगे बढ़ते !!

( 4 )” मा “, मानव
से महामानव
की यात्रा करते,
बापू ने तय किए सभी उच्च मापदंड !
जीवन में कभी ना पीछे मुड़कर देखा….,
और रखी हाथ में सदैव एक लाठी दंड !!

( 5 )” गाँ “, गाँठ
नहीं बाँधी
कभी किसी संग वैमनस्यता की,
और रहे दुश्मन संग बनें सहिष्णु सदा !
और जीवन में कभी खोया नहीं आपा……,
सभी संग कर प्रेम व्यवहार निभाया वादा !!

( 6 )” धी “, धी / बुद्धि
रही करती प्रेरित
गए आत्मबल को बढ़ाते,
बापू ने स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया !
कैसे करना है बच्चों का चारित्रय निर्माण..,
इसके लिए बुनियादी शिक्षा पे जोर दिया !!

( 7 )” महात्मा गाँधीजी “, का पूरा जीवन
रहा सदैव उच्चकोटि दर्शन से भरा,
चले दिखलाते सत्य अहिंसा की राह नेक !
पाया गाँधीजी ने राष्ट्रपिता का गौरव…..,
और दे गए अचूक सूत्र सत्याग्रह का एक !!

¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥

सुनीलानंद
सोमवार,
20 मई, 2024
जयपुर
राजस्थान |

Language: Hindi
81 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुनीलानंद महंत
View all
You may also like:
कुछ निशां
कुछ निशां
Dr fauzia Naseem shad
बेटी
बेटी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
शेखर सिंह
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
"सलाह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
4790.*पूर्णिका*
4790.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कहानी-
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
हद
हद
Ajay Mishra
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
जो दूर हो जाए उसे अज़ीज़ नहीं कहते...
जो दूर हो जाए उसे अज़ीज़ नहीं कहते...
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
हम
हम
Adha Deshwal
The people who love you the most deserve your patience, resp
The people who love you the most deserve your patience, resp
पूर्वार्थ
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
पंकज परिंदा
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
manjula chauhan
रूप आपका
रूप आपका
surenderpal vaidya
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
इस दिवाली …
इस दिवाली …
Rekha Drolia
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
Uttirna Dhar
"भलाई"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी खुशी हमेसा भटकती रही
मेरी खुशी हमेसा भटकती रही
Ranjeet kumar patre
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Santosh Shrivastava
"" *स्वस्थ शरीर है पावन धाम* ""
सुनीलानंद महंत
Loading...