महबूबा के गाल
कोरोना ने कर दिया,… .ऐसा बंटाधार ।
इक दूजे से हाथ भी,नही मिलाते यार ।।
होली पर आया मुआ,कोरोना इस साल।
रंगो से कैसे मलूँ , …..महबूबा के गाल ।।
रंगों का कैसे लगे ,चोली पर फिर दाग ।
होली भी सीमांत पर,खेले अगर सुहाग ।।
रमेश शर्मा
कोरोना ने कर दिया,… .ऐसा बंटाधार ।
इक दूजे से हाथ भी,नही मिलाते यार ।।
होली पर आया मुआ,कोरोना इस साल।
रंगो से कैसे मलूँ , …..महबूबा के गाल ।।
रंगों का कैसे लगे ,चोली पर फिर दाग ।
होली भी सीमांत पर,खेले अगर सुहाग ।।
रमेश शर्मा