महबूबा ए कुर्सी
महबूबा – ऐ- कुर्सी को पाने की खातिर आशिकों में लगी है होड़ ,
तभी तो छोड़ी न कोई कसर ,कोई जतन वोटरों को पटाने में .
अब ले जाएगा कौन बाज़ी जिसकी किस्मत होगी बुलंद ऐ खुदा,
जो हर जाएगा वोह किसी कोने में लगेगा सर अपना पीटने में .