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18 Jun 2024 · 1 min read

“महफिल में रौनक की कमी सी है”

महफिल में रौनक की कमी सी है
आज फिर उनकी कमी सी है

वो शामिल हो गए रूह में इस कदर
याद में उनकी आँखों में नमी सी है

लौट आओ की दिल पुकारता है तुम्हे
दिल की दीवारों पर बर्फ जमी सी है

चमक उठती है सितारों की तरह
वो अब तक आँखों में रमी सी है

उनके नाम से होती है दस्तक दिल पर
धड़कन भी आज कुछ थमी सी है

ना वो आये ना खबर आने की उनकी
लोग हाल पूछते है क्यों ये गमी सी है

ना करना मुहब्बत किसी से राणाजी
उल्फत में पैरों तले सरकी जमीं सी है

©ठाकुर प्रतापसिंह राणाजी
सनावद (मध्यप्रदेश)

Language: Hindi
86 Views
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