महंगी पड़ी ए जुदाई
तेरे प्यार में दिल मेरा टुटा कभी अब प्यार न करूंगा,
मुहब्बत के बदले मिली हैं जुदाई कभी अब प्यार न करूंगा,
दिल देता तुझको बधाई की तूने अच्छी प्रीति हैं निभाई,
रिश्ता जोड़ के दिल तूने तोड़ा की अच्छी हैं रिती बताई,
होता हैं जग अब हसाई की तूने ऎसि बात हैं बनाई,
सात फेरे की कसमे थी खाई की झूठे तूने सपने दिखाई,
मेरे मन में तूने प्यार जगाई की तन में तूने आग लगाई,
तूने दी हैं ऎसि सौगात की गम आई हैं बरसात,
महंगी पड़ी ए जुदाई गम की आई ए रात,….