महंगाई की मार
महंगाई सिर चढ़ कर बोल रही है ।
नेता मस्त और जनता त्रस्त हो रही है ,।
अब कहां गए इनके वायदे ,जरा पूछो तो ,
सवालों पर जिन्हीने चुप्पी साधी हुई है ।
महंगाई सिर चढ़ कर बोल रही है ।
नेता मस्त और जनता त्रस्त हो रही है ,।
अब कहां गए इनके वायदे ,जरा पूछो तो ,
सवालों पर जिन्हीने चुप्पी साधी हुई है ।