Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2021 · 1 min read

*मस्ती जग में छाई (बाल कविता)*

मस्ती जग में छाई (बाल कविता)
————————————–
अत्याचारी शासन था
कोहरे का अन्धा-बहरा
थर-थर काँप रहे सब उससे
डर था उसका गहरा

एक बजे फिर मरी-मरी-सी
धूप निकलकर आई
जैसे आजादी का झंडा
हाथोंं में हो लाई

सूरज दादा ने फिर झाड़ा
भाषण लंबा-चौड़ा
बेचारा कोहरा तब डर कर
नभ से भागा-दौड़ा

खिली धूप में जनता ने
फिर जम कर खुशी मनाई
सबने खाई धूप
ढेर-सी मस्ती जग में छाई
———————————
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Δ

238 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

"विडम्बना"
Dr. Kishan tandon kranti
उसको उसके घर उतारूंगा
उसको उसके घर उतारूंगा
कवि दीपक बवेजा
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
हौसलों के दिये आँखों में छिपा रक्खे हैं,
हौसलों के दिये आँखों में छिपा रक्खे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
भगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
guru saxena
सजल
सजल
seema sharma
बुंदेली दोहे- नतैत (रिश्तेदार)
बुंदेली दोहे- नतैत (रिश्तेदार)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विश्व की छवि प्यारी
विश्व की छवि प्यारी"
श्रीहर्ष आचार्य
आ फिर लौट चलें
आ फिर लौट चलें
Jai Prakash Srivastav
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
Ravi Prakash
व्याकुल परिंदा
व्याकुल परिंदा
AMRESH KUMAR VERMA
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
Phool gufran
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का
मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का
प्रेमदास वसु सुरेखा
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
शेखर सिंह
जो थे क्रिमिनल..., देख परिंदे,
जो थे क्रिमिनल..., देख परिंदे,
पंकज परिंदा
. काला काला बादल
. काला काला बादल
Paras Nath Jha
नदियां बहती जा रही थी
नदियां बहती जा रही थी
Indu Singh
चर्चित हो जाऊँ
चर्चित हो जाऊँ
संजय कुमार संजू
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
अवध में फिर से आये राम ।
अवध में फिर से आये राम ।
अनुराग दीक्षित
किसी और के संग ऐसा मत करना
किसी और के संग ऐसा मत करना
gurudeenverma198
कविता
कविता
Nmita Sharma
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
😊 व्यक्तिगत मत :--
😊 व्यक्तिगत मत :--
*प्रणय*
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
मंत्र,तंत्र,यंत्र और षडयंत्र आर के रस्तोगी
मंत्र,तंत्र,यंत्र और षडयंत्र आर के रस्तोगी
Ram Krishan Rastogi
عظمت رسول کی
عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...