मशहूर हूँ
सुन के जग बालो की ,ये बातें सदा ,
सोचने के लिए अब में मजबूर हूँ।
जिनते नजदीक आने की कोशिश कर,
खुद को पता हूँ तुमसे बहुत दूर हूँ ॥
सुन के ………
ऐसा लगता मुझको मेरे हमसफर ,छीन ले ना कोई तुमको मुझसे मगर ,
बक्त का दरिया यु ही बहता जा रहा ,बड़ी मुश्किल है मंजिल कठिन है डगर
चाहते हो तुम किसको , य सोचा नही ,तुमको पाने को में कितना मगरूर हूँ
सुन के…….
लोग कहते है दीवाना ,पागल मुझे
चाहतो ने किया है ,घायल मुझे
नही मुझको खवर मेरे घर द्वार की
आरजू है मिले मेरी मंजिल मुझे
तेरे प्यार को “राज ” चाहे सदा .प्यार करने में में भी तो मशहूर हूँ
सुन के …..