मशविरा
दुनिया में सब कुछ पाने की,
ख़्वाहिशें जारी रखो,
ज़मीं क्या है फलक छूने की,
कोशिशें जारी रखो,
दम लेना पहुँच कर अवधूत,
चाही मंज़िल पर ही,
ऐशो इशरत पर अपनी,सारी,
बंदिशें जारी रखो ।
दुनिया में सब कुछ पाने की,
ख़्वाहिशें जारी रखो,
ज़मीं क्या है फलक छूने की,
कोशिशें जारी रखो,
दम लेना पहुँच कर अवधूत,
चाही मंज़िल पर ही,
ऐशो इशरत पर अपनी,सारी,
बंदिशें जारी रखो ।