Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2021 · 1 min read

मशगूल है वो अपनी तीमारदारी में

1.

मशगूल है वो अपनी तीमारदारी में
कुछ इस तरह
अपने गम भुलाते – भुलाते उन्हें
दूसरों का ख्याल ही न रहा

2.

शराब उसके जिस्म के
भीतर क्या समाई
न उसे खुदा का ख्याल रहा
न ही उस खुदा का

3.

वो आये गले मिले , कुछ इस अंदाज़ में
मेरे दिल ने उनके अरमां , महसूस कर लिए

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 2 Comments · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
Dr Manju Saini
ये क़िताब
ये क़िताब
Shweta Soni
प्रभु
प्रभु
Dinesh Kumar Gangwar
पिता
पिता
Sudhir srivastava
सुंदरी सवैया
सुंदरी सवैया
Rambali Mishra
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
"बड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती....
दोस्ती....
Harminder Kaur
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
sp 100 किस से मन की पीर *********************
sp 100 किस से मन की पीर *********************
Manoj Shrivastava
रिश्ते
रिश्ते
Mangilal 713
जब कोई,
जब कोई,
नेताम आर सी
तुम्हारे कर्म से किसी की मुस्कुराहट लौट आती है, तो मानों वही
तुम्हारे कर्म से किसी की मुस्कुराहट लौट आती है, तो मानों वही
Lokesh Sharma
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
Kanchan Alok Malu
विश्वास की नाप
विश्वास की नाप
डॉ.सतगुरु प्रेमी
सैनिक का प्रयाण
सैनिक का प्रयाण
Deepesh Dwivedi
परिश्रम
परिश्रम
Neeraj Agarwal
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
मधुसूदन गौतम
सवाल
सवाल
Ruchi Sharma
तुम्हारी याद..!
तुम्हारी याद..!
Priya Maithil
कि तुम मिलो तो सही...
कि तुम मिलो तो सही...
पूर्वार्थ
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
आश्रित.......
आश्रित.......
Naushaba Suriya
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्राण वायु
प्राण वायु
Kanchan verma
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
कुछ ही देर लगती है, उम्र भर की यादें भुलाने में,
कुछ ही देर लगती है, उम्र भर की यादें भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
#आज_का_शेर-
#आज_का_शेर-
*प्रणय*
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
Loading...