Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2024 · 1 min read

मर्यादा की तोड़ते ,

मर्यादा की तोड़ते ,
सम्बोधन प्राचीर ।
सम्बन्धों में भर दिया,
नवयुग ने अब नीर ।।

सुशील सरना / 26-7-24

1 Like · 85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए।
न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए।
Sanjay ' शून्य'
शीर्षक तेरी रुप
शीर्षक तेरी रुप
Neeraj Agarwal
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3169.*पूर्णिका*
3169.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
Dr. Vaishali Verma
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
इस तरह भी होता है
इस तरह भी होता है
हिमांशु Kulshrestha
Mushaakil musaddas saalim
Mushaakil musaddas saalim
sushil yadav
किरदार निभाना है
किरदार निभाना है
Surinder blackpen
"अधूरा प्यार"
Dr. Kishan tandon kranti
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
Ashwini sharma
*ईर्ष्या भरम *
*ईर्ष्या भरम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना।
किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना।
मधुसूदन गौतम
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
Nitesh Kumar Srivastava
I was happy
I was happy
VINOD CHAUHAN
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
..
..
*प्रणय*
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
अध्यापिका
अध्यापिका
Shashi Mahajan
बचपना
बचपना
Pratibha Pandey
तन्हा क्रिकेट ग्राउंड में....
तन्हा क्रिकेट ग्राउंड में....
पूर्वार्थ
उसे बुला कर देखें कई,मर्तबा
उसे बुला कर देखें कई,मर्तबा
Keshav kishor Kumar
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
Ranjeet kumar patre
आपका ही ख़्याल
आपका ही ख़्याल
Dr fauzia Naseem shad
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध।
राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...