Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2024 · 1 min read

#मर्म-

#मर्म_यह-
पूजा चित्र की। चरित्र की नहीं। सीरत पर भारी सूरत भी कह सकते हैं आप।
(प्रणय प्रभात)

1 Like · 18 Views

You may also like these posts

घाव करे गंभीर
घाव करे गंभीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157 से चयनित दोहे संयोजन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157 से चयनित दोहे संयोजन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
Madhuyanka Raj
मिले बिना ही बिछड़ने का दर्द दे गए हो तुम
मिले बिना ही बिछड़ने का दर्द दे गए हो तुम"
शिवम "सहज"
"मित्रता और मैत्री"
Dr. Kishan tandon kranti
When she is a bit confused , insecure about coming in a rela
When she is a bit confused , insecure about coming in a rela
पूर्वार्थ
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
कण कण में राम
कण कण में राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जातीय गणना।
जातीय गणना।
Acharya Rama Nand Mandal
लघुकथा - दायित्व
लघुकथा - दायित्व
अशोक कुमार ढोरिया
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
3645.💐 *पूर्णिका* 💐
3645.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सायली छंद
सायली छंद
sushil sharma
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
surenderpal vaidya
सर्पीली सड़क
सर्पीली सड़क
अरशद रसूल बदायूंनी
5.वर्षों बाद
5.वर्षों बाद
Lalni Bhardwaj
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चांद को छुते हुए जीवन को छुएंगे।
चांद को छुते हुए जीवन को छुएंगे।
जय लगन कुमार हैप्पी
कोई काम हो तो बताना
कोई काम हो तो बताना
Shekhar Chandra Mitra
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
gurudeenverma198
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चुप रहने की घुटन
चुप रहने की घुटन
Surinder blackpen
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
Sonam Puneet Dubey
Loading...