मरूधर रौ माळी
धवळी धोती अंग अंगरखी , मरुधर वाळो मान माळी।
लाल पोतियों पगै मोजड़ी , न्यारी जिणरी शान माळी।।
मीठी वाणी मुखड़े मूलक , अपणायत री खांण माळी।
रहे हरावळ दया धर्म मे , हिंदू कुळ अभिमान माळी।।
मैणंत सूं व्है मोती निपजै , खेतां पकवै धान माळी।
अन धन रा ज्यौरे कोठा भरिया , देय हाथां दान माळी।।
मान मर्यादा अवल सदा , कुळ री राखै कांण माळी।
संस्कारां रो सागर भरियौ, कितरा करूं गुणगान माळी।।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️