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7 Aug 2024 · 1 min read

मरूधर रा बाशिंदा हा

म्है मरुधर रा बाशिंदा हा भाई
चाहें परिस्थितियां कैडी भी होवै।
पण म्हारे चेहरे री मुलकांण कदै ओछी नी होवै।
अर म्हारी हो मुलकांण दिखावटी नी हैं
बस म्हे हर छोटी-छोटी बातां मे ही
आंपणी खुशियां खोज लैवां हा।
म्हारे अठै कोई छोटा-मोटा रो भेद कोनी
जो मन मे आवै मूंडा माथै केह दैवां हा।

© जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️

Language: Rajasthani
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