Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2024 · 1 min read

मययस्सर रात है रोशन

मययस्सर रात है रोशन
तो साथ खुदा है क्या ..

मंजिल को देखते हो
रास्ते का पता है क्या

रातों से रोशनी वो…
निकालने को चला है

इसमें बताओ कोई….
जुगनू की खता है क्या

✍️कवि दीपक सरल

172 Views

You may also like these posts

अस्तु
अस्तु
Ashwani Kumar Jaiswal
पितु बचन मान कर बनवास चले रघुराई।
पितु बचन मान कर बनवास चले रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सतरंगी बस्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
नज़्म
नज़्म
Neelofar Khan
बितता बदलता वक्त
बितता बदलता वक्त
AMRESH KUMAR VERMA
।। द्वंद्व।।
।। द्वंद्व।।
Priyank Upadhyay
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
Kumar lalit
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
कवि रमेशराज
3843.💐 *पूर्णिका* 💐
3843.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🙅आज का टोटका🙅
🙅आज का टोटका🙅
*प्रणय*
*पत्नी माँ भी है, पत्नी ही प्रेयसी है (गीतिका)*
*पत्नी माँ भी है, पत्नी ही प्रेयसी है (गीतिका)*
Ravi Prakash
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शीर्षक - बुढ़ापा
शीर्षक - बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
gurudeenverma198
वन गमन
वन गमन
Shashi Mahajan
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
साथियों जीत का समंदर,
साथियों जीत का समंदर,
Sunil Maheshwari
तमन्ना पाल रखी थी सबको खुश रखने की
तमन्ना पाल रखी थी सबको खुश रखने की
VINOD CHAUHAN
उम्र अपना
उम्र अपना
Dr fauzia Naseem shad
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
शिव प्रताप लोधी
स्वयं से परीक्षा
स्वयं से परीक्षा
Saurabh Agarwal
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
Neeraj kumar Soni
मैं मोहब्बत हूं
मैं मोहब्बत हूं
Ritu Asooja
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
व्यथित मन
व्यथित मन
सोनू हंस
न बन बादल कोई भरा
न बन बादल कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
Loading...