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Godambari Negi Pundir
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18 Jan 2022 · 1 min read
‘मन’
नाव बनी है काग़ज की,
चंचल मन पतवार।
मांझी जग डोलता फिरे,
फिर कौन लगाए पार।
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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