— मन व्याकुल —
किस बात की सजा पर मन तेरा व्याकुल
क्यूँ चलता है बन बन के वो चंचल
छन छन बजता मन में भीतर
कुछ् अलग सा होता हुआ यह घायल !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ
किस बात की सजा पर मन तेरा व्याकुल
क्यूँ चलता है बन बन के वो चंचल
छन छन बजता मन में भीतर
कुछ् अलग सा होता हुआ यह घायल !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ