Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2024 · 1 min read

मन में

भूल गया संवेदना, स्वार्थ भरा व्यवहार ।
तर्क शील मानव हुआ, अपने तक परिवार।।

पति पत्नी संतान हित,जिते कुछ इंसान।
सिमट गई संवेदना,हृदय बसा अभिमान।।

मान प्रतिष्ठा के लिए,करता खोटे काम।
धोखे अरु पाखंड से , मानव अब बदनाम।।

देख दुखी नजदीक में, मानव करे विचार।
अधिक अधिकतम और हो,बिके सभी घर द्वार ।।

बना हितैषी चाहता, लाभ उठाता रोज।
झूठ दिखा संवेदना,ठग जैसी मन खोज ।।

राजेश कौरव सुमित्र

2 Likes · 70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
Ravi Prakash
Being an ICSE aspirant
Being an ICSE aspirant
Chaahat
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
Diwakar Mahto
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
My love and life
My love and life
Neeraj kumar Soni
शोर है दिल में कई
शोर है दिल में कई
Mamta Rani
राख देह की पांव पसारे
राख देह की पांव पसारे
Suryakant Dwivedi
क्यों बदल जाते हैं लोग
क्यों बदल जाते हैं लोग
VINOD CHAUHAN
3574.💐 *पूर्णिका* 💐
3574.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🗣️चार लोग क्या कहेंगे
🗣️चार लोग क्या कहेंगे
Aisha mohan
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
बेगुनाही एक गुनाह
बेगुनाही एक गुनाह
Shekhar Chandra Mitra
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बेटी हूं या भूल
बेटी हूं या भूल
Lovi Mishra
हिंदी दोहे-प्राण
हिंदी दोहे-प्राण
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
Ranjeet kumar patre
राज्याभिषेक
राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
*प्रणय*
दुनिया की गाथा
दुनिया की गाथा
Anamika Tiwari 'annpurna '
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कौड़ी के भाव ले के दुआ
कौड़ी के भाव ले के दुआ
अरशद रसूल बदायूंनी
बेवफ़ा इश्क़
बेवफ़ा इश्क़
Madhuyanka Raj
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Agarwal
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...