Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2024 · 1 min read

मन में हलचल सी उठे,

मन में हलचल सी उठे,
जब देखूँ तस्वीर ।
बड़ी अजब है यार की,
उल्फत की तासीर ।।

सुशील सरना / 18-7-24

83 Views

You may also like these posts

#लघु_कविता-
#लघु_कविता-
*प्रणय*
नियति
नियति
Shyam Sundar Subramanian
कहानी
कहानी
Rajender Kumar Miraaj
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
बेटी
बेटी
Neeraj Agarwal
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
Manoj Mahato
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
Phool gufran
"रेत के जैसे"
Dr. Kishan tandon kranti
दूरियां भी कभी कभी
दूरियां भी कभी कभी
Chitra Bisht
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
शायद वह तुम हो जिससे------------
शायद वह तुम हो जिससे------------
gurudeenverma198
आओ पर्यावरण को सुरक्षित करें
आओ पर्यावरण को सुरक्षित करें
Dr Archana Gupta
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
Ravi Prakash
" LEADERSHIP OPPORTUNITY" ( ARMY MEMOIR)
DrLakshman Jha Parimal
बारिश.........
बारिश.........
Harminder Kaur
नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '
सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...!
सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...!
पंकज परिंदा
नारी
नारी
Pushpa Tiwari
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Lets become unstoppable... lets break all the walls of self
Lets become unstoppable... lets break all the walls of self
पूर्वार्थ
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
दिल का मौसम
दिल का मौसम
Minal Aggarwal
3661.💐 *पूर्णिका* 💐
3661.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
Rakshita Bora
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
नौ फेरे नौ वचन
नौ फेरे नौ वचन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
Sahil Ahmad
Loading...