मन में नमन करूं..
मां में नमन करूं
तुम्हारे चरणों में
नित करूं मैं तुम्हारा ध्यान
बैठ तुम्हारे चरणों में ।
कपूर , धूप,दीपक, बाती
का मां मैं सजाऊं थाल
आरती उतारू , शीश झुकाऊं
मां तुम्हारे चरणों में ।
बगिया से चुन चुन
फूल लाऊं माला
बनाकर तुम्हें पहनाऊं ।
तुम्हारे चरणो की धूल
बन मुस्कुराऊॅं ।
तू तो मां सब कुछ ज्ञाता
क्या तुझको मैं
अपनी पीड़ा सुनाऊं
बस मां मुझको
तो इतना दो वरदान
सुबह शाम मैं शीश झुकाऊं
कर वंदन तेरा नाम ।
हरमिंन्दर कौर
अमरोहा (यूपी)
मौलिक रचना