मन भर बोझ हो मन पर
मन भर बोझ हो मन पर
रुका हुवा समंदर का तूफ़ान
आँखों के पीछे
उस पर मुस्कुराने का दर्द
समझना मुश्किल है
……………. अतुल “कृष्ण”
मन भर बोझ हो मन पर
रुका हुवा समंदर का तूफ़ान
आँखों के पीछे
उस पर मुस्कुराने का दर्द
समझना मुश्किल है
……………. अतुल “कृष्ण”