मन को भाए
है प्रभु इतना कीजिए, सुखमय हो संसार।
किसी आंख में फिर बहे, कभी न अश्रु की धार।।
देख दृश्य संसार का, मन होता बेहाल।
रोज हो रहे हादसे, आती मौत अकाल।।
कल क्या हो जाए किसे, नहीं पता है आज।
हर पल है भगवान का, यही एक है राज।।
छोटी छोटी बात पर, करो न झगड़ा आज।
मिलकर आपस में रहें, जगत करें फिर नाज।।
जी न चुराए काम से, छोड़े न सत्य राह।
कर्म सदा करते रहें, पूरी होगी चाह।।
मीठे मीठे बोल से , दिन की हो शुरुआत।
मन को फिर सुकून मिले, जग में हो विख्यात।।
भाई भाई से लड़े, कैसा यह संसार।
जाने क्यों अब खो गया, बचपन का वो प्यार।।