मन की बात।
मन की बात हमने तो कह दी है।पर! किसी से पूछ नही पाये है।हम तो शक्ति शाली थे इसलिए कह पाये हैं। कभी मौका ही नहीं दिया जो मन की बात कह पाये। क्योंकि निर्बल को और कमजोर बनाये।हम कहना तो चाहते हैं।पर! मन मार कर रह जाते हैं। क्योंकि किसी को पची नही तो उल्टी हो जाये।अगर हमने कहा दी तो समस्या न बन जाये।आजतक हमसे किसी ने पूछा नही मन से ।बतायेगे कैसे किसी को बुरी न लग जाये।।