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9 Sep 2024 · 1 min read

मन की प्रीती

तुमसे लागी मन की प्रीती , भूल गई मैं जग की रीती

तुमको सौंपी जीवन नैया , मेरे साथी सखा खिवैया ||

काहे छेड़त वंशी धारी , मटकी फोरत क्यों बनबारी

गोरी राधा मन को भावे , और कछू न मोहे सुझावे ||

Language: Hindi
1 Like · 101 Views
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