मन की आंखें
आंखों की बातें
मन के विचार और भावनाओं का आईना हैं,
खुली आंखें दृश्य को देख,
कल्पनाओं को जन्म देती है,
इस ज्ञान-इंद्रिय से जो देख पाते है,
उसे दर्शन कहते है,
इन्हीं आंखों से पढ़ कर,
अव-चेतन मन का कच्चा चिट्ठा (सॉफ्टवेयर) तैयार होता है,
.
यह मनुष्य के चेतना की अवस्था,
का बोध करवा देती है,
इसकी झलक,
बड़ी स्पष्ट और सत् पर आधारित होती है,
.
भगवान महावीर जैन
तथागत बुद्ध
को इसी दर्शन के आधार पर,
जगत को सच कहा,
ईश्वरीय वजूद को नकार दिया ।।
पढ़ने के लिए,
तहेदिल आभार व्यक्त करता हूं