मन अडिग पक्के इरादे हाथ में पतवार हो।
मुक्तक
मन अडिग पक्के इरादे हाथ में पतवार हो।
फिर कोई तूफान आये हर समंदर पार हो।
नाव किस्मत के सहारे छोड़ देते डर से जो,
डूबना है तय भले साहिल हो या मझधार हो।
…….✍️ प्रेमी
मुक्तक
मन अडिग पक्के इरादे हाथ में पतवार हो।
फिर कोई तूफान आये हर समंदर पार हो।
नाव किस्मत के सहारे छोड़ देते डर से जो,
डूबना है तय भले साहिल हो या मझधार हो।
…….✍️ प्रेमी