मनोरम केसरी-हवामहल #100 शब्दों की कहानी#
ऑफिस में वेंकटेशजी कार्यरत थे, घूमने- फिरने के इतने शौकीन कि पूछो मत । वे ऑफिस के काम से बाहर कहीं जाते, फिर वहां की प्रसिद्धि अवश्य बताते ।
जयपुर के हवा महल की प्रसिद्धि का वर्णन, कुछ इस तरह से किया । हवामहल को महाराजा-प्रताप-सिंह ने पांच-मंजिला केसरी-भवन के रूप में भगवान-कृष्ण के प्रतिरुप के तौरपर बनवाया, 1000 छोटी-खिड़कियों-के-साथ छत्तेवाली बनावट जालीदार-डिजाइन में बनी हुई, जिससे गर्मियों में भी ठंडी हवा इस महल में आती है । शाही-खूबसूरत महल से प्रभावित होकर उन्होंने अपने इकलौते बेटे की शादी जयपुर में कराई ताकि सभी यह दृश्य निहारें ।