Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2024 · 1 min read

मनुष्य बनिए

स्वस्थ्य तन मन है नहीं,
स्वस्थ्य जन कैसे सृजित हों।
स्वस्थ्य जब भोजन नहीं,
क्यों न मानव दिग्भ्रमित हो।।

फिर रहे बाजार में,
बड़के सौदाई बने।
जो मनुज ही बन न पाया,
कैसे वो भाई बने।।

तन है मैला मन में विष्टा,
क्या बने उनकी प्रतिष्ठा।
चल दिए धन हाथ लेकर,
खरीदने वो मनुज निष्ठा।।

घूमते विक्षिप्त होकर,
मतलबी उद्देश्य लेकर।
है बड़े बेचैन ” संजय”,
पशु जो है वो मनुज होकर।।

Language: Hindi
1 Like · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
इश्क़ में तू चाल भी इस क़दर चलना,
इश्क़ में तू चाल भी इस क़दर चलना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम भी अगर बच्चे होते
हम भी अगर बच्चे होते
नूरफातिमा खातून नूरी
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
Neelofar Khan
#शीर्षक- नर से नारायण |
#शीर्षक- नर से नारायण |
Pratibha Pandey
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नववर्ष
नववर्ष
Neeraj Agarwal
"अकेलापन"
Dr. Kishan tandon kranti
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
करवां उसका आगे ही बढ़ता रहा।
करवां उसका आगे ही बढ़ता रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
...
...
*प्रणय प्रभात*
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
दिल्ली की बिल्ली
दिल्ली की बिल्ली
singh kunwar sarvendra vikram
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-170
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-170
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
23/29.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/29.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* कभी दूरियों को *
* कभी दूरियों को *
surenderpal vaidya
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
Sonam Puneet Dubey
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
भड़ोनी गीत
भड़ोनी गीत
Santosh kumar Miri
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
पूर्वार्थ
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
Ravi Prakash
Loading...