मानव जीवन
मनुष्य जीवित रहने के लिए संघर्ष करता है ,अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कमाता है, भोग विलास के लिए संपत्ति जमा करता है, और अपने कर्मों की गति से
दुःख – सुख भोग कर अवसान होता है।
मनुष्य जीवित रहने के लिए संघर्ष करता है ,अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कमाता है, भोग विलास के लिए संपत्ति जमा करता है, और अपने कर्मों की गति से
दुःख – सुख भोग कर अवसान होता है।