मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
और खुशियाँ तथा कष्ट व पीड़ा उसके फल हैं।
इस प्रकार, मनुष्य मीठे और कड़वे
फलों की खेती खुद ही करता है…!
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
और खुशियाँ तथा कष्ट व पीड़ा उसके फल हैं।
इस प्रकार, मनुष्य मीठे और कड़वे
फलों की खेती खुद ही करता है…!