*”मनीप्लांट”*
“मनीप्लांट”
रोहित एक दिन कुछ ऑफिस के काम से विनोद के घर गया वहाँ उसने देखा आम के पेड़ पर मनीप्लांट बडी बडी पत्तियों में ऊपर चढने पर बेहद खूबसूरत दिख रहा था।
देखने में भी बहुत ही सुंदर लग रहा था रोहित ने कहा वाह यार तेरे घर तो खूब रुपये पैसे फल रहे हैं ….इस पर विनोद ने पूछा तुझे कहां से दिख रहा है अरे यार मैं तो मध्यम वर्गीय परिवार कर्मचारी हूँ मेरे पास इतने रूपये पैसे कहाँ है …..फिर रोहित ने कहा ये जो खूबसूरत मनीप्लांट की बेल आम पेड़ पर चढ़ी हुई है मैं उसे देखकर कह रहा हूँ।
कहते हैं कि जिसके घर में मनीप्लांट लगे रहता है उसके पास खूब पैसा होता है कभी धन दौलत की कमी नही रहती है तो तेरे घर पर तो बहुत सारे मनीप्लांट लगे हुए हैं चारों ओर फैले हुए है कुछ मुझे भी दान कर दे ,वैसे भी मैं ब्राम्हण हूँ दान करने से ये और अधिक फैलेगा …..दोनों दोस्त खूब हंसने लगे ऐसी कोई बात नहीं है ,रूपया पैसा ये सब हाथ का मैल है खाली हाथ आये हैं और एक दिन खाली हाथ चले जाना है।
विनोद कहने लगा तुझे मनीप्लांट लगाना है तो मेरे घर से चुरा कर ले जाना पड़ेगा क्योंकि मैं भी कहीं से किसी के घर से चुराकर लाया था ।यह लग गया और आम के पेड़ में आसानी से पनपने लगा है अब बहुत फैल गया है।
लोग कहते हैं कि ये मनीप्लांट ऐसे नही लगता है किसी के घर से ही चुराकर लाना पड़ता है।
कुछ समय तक ऑफिस की बातें करते हुए जब रोहित जाने लगा तो जाते समय विनोद ने एक डंगाल मनीप्लांट को तोड़कर उसे देने लगा तो रोहित बोलने लगा अरे यार मैं तो ऐसे ही कह रहा था ये लोगों की बनी हुई बातें हैं ऐसा कुछ भी नही है।
दरअसल मनीप्लांट की पत्तियां बहुत सुंदर होती है इसे कहीं भी बॉटल में डिब्बे में बगीचे में कहीं भी लगा दो जल्दी से पनप जाती है और एक खास बात यह है कि इसे मिट्टी में लगा सकते हैं और पानी भरकर बॉटल में भी रख सकते हैं।
रोहित कहने लगा ये मनीप्लांट दरअसल पैसा नही देता बल्कि हमें शुद्ध ऑक्सीजन देता है और छोटी सी पत्तियों को कहीं भी लगावो जल्दी लग जाती है और पनपने लगती है बेल फैलने लगती है बस उसे सहारा देने की जरूरत होती है।
प्रकृति के सभी पेड़ पौधे बड़े अलग अलग किस्म के होते हैं जो मन को शांत व सुखद अनुभव देता है।
बच्चों के पढ़ाई करते समय उस जगह पर बॉटल में पानी भरकर मनीप्लांट रख दिया जाए तो एकाग्रता बढ़ती है और देखने में भी सुंदर लगता है सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
रोहित ने अपने दोस्त को बहुत बहुत धन्यवाद देकर घर जाते ही उस मनीप्लांट की डंगाल को अपने बगीचे में लगा दिया और उससे जो पत्तियां निकलती उसे अलग अलग जगहों में बॉटल में डिब्बों में गमलों में आम पेड़ के नीचे लगा दिया था।
अब रोहित के घरों में भी ढेर सारे मनीप्लांट की बेल लग चुकी थी और सुंदर पत्तियों के साथ घर में सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था और बेटी के पढ़ाई वाले टेबल पर भी बॉटल में मनीप्लांट खूबसूरत सा दिखाई दे रहा था।
शशिकला व्यास✍️
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