मनहरण दंडक छंद (सैनिकों से निवेदन)
पाक की मिटाने धाक,आगे बढ़ो काटो नाक,
मारो शाक पर शाक नहीं रहे दीन का।
सिंह से दहाड़ो अरिदल वक्ष फाड़ो, घूम घूम के लताड़ो ताड़ो हर दांव सीन का।
गोलियों की बोलियों में टोलियों मे जोश जगा,
दुश्मनों को दम दिखला दो तेरा तीन का।
भारती के लाल विकराल महाकाल बन,
कर दो बेहाल हाल पाक और चीन का।