मनसीरत अवतरण दिवस
मनसीरत अवतरण दिवस
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बहुत प्यारी सूरत है भोली।
मनसीरत की है मीठी बोली।
खुदा से बख्शी है सुंदर मूरत,
तन मन बसती भोली सूरत,
भर गई मेरी है खाली झौली।
मनसीरत की है मीठी भोली।
छह वर्ष की वो नन्ही गुड़िया,
जादूगरनी जादू की पुड़िया,
बंद मुट्ठी खुशियों की खोली।
मनसीरत की है मीठी बोली।
चाँद सा मुखड़ा बहुत प्यारा,
मोहक टुकड़ा जग से न्यारा,
आंगन मे खेलती संग जोली।
मनसीरत की है मीठी बोली।
अबतरण दिन की हो बधाई,
जहां की खुशी तुझमे समाई,
तिलक लगाऊं सिंदूरी रोली।
मनसीरत की है मीठी बोली।
जन्मदिन की पावन है बेला,
लगता इस दिन घर में मेला,
मधुर मधुर सी मधु की गोली।
मनसीरत की है मीठी बोली।
बहुत प्यारी सूरत है भोली।
मनसीरत की है मीठी बोली।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)