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4 Jul 2021 · 1 min read

मनवा गावे रे

ओ रे ओ मनवा गावे रे
ये जिनगी बीती जावे रे

नेक कमाई करि ले कच्छू
तू काहे पाप कमावे रे

दुःख हर ले संगी-साथी के
तू सुःख मे क्यों भरमावे रे

तन के गरब न करिबे कोई
खाक उड़े क्या ले जावे रे

हाथ कछू ना लागे बबुवा
इक दिन पन्छी उड़ जावे रे

•••

1 Like · 1 Comment · 623 Views
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