मनवा गावे रे
ओ रे ओ मनवा गावे रे
ये जिनगी बीती जावे रे
नेक कमाई करि ले कच्छू
तू काहे पाप कमावे रे
दुःख हर ले संगी-साथी के
तू सुःख मे क्यों भरमावे रे
तन के गरब न करिबे कोई
खाक उड़े क्या ले जावे रे
हाथ कछू ना लागे बबुवा
इक दिन पन्छी उड़ जावे रे
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