मनभावन जीवन
पापा! कुछ बतलाव ना….
गांव कैसा होता है?
कुआं कहां पर होता है?
नदियों के पानी में तैरा कर
मुझको एक बार नहलाओ ना
पापा कुछ बतलाव ना…
टीचर कहती है गांव में
दादा-दादी, चाचा-चाचाजी,
बुआ आदि सब मिलकर रहते हैं
सारे काम बिना मशीन
हाथों से करते हैं
फिर भी खुशी-खुशी सब
हंसकर जीवन जीते हैं
होता ऐसा कैसे ? पापा!
वह सब भी बतलाव ना….
गांव में सीधा-साधा जीवन है
शुद्ध वायु,पौष्टिक भोजन
और गोधन भी है,
नहीं दिखावा फिर भी सब मनभावन है
यह जीवन मुझको भी दिखलाओ ना…
पापा कुछ बतलाव ना…..