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7 Nov 2024 · 1 min read

*मनः संवाद—-*

मनः संवाद—-
07/11/2024

मन दण्डक — नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)
यति– (14,13,11) पदांत– Sl

क्रोध मुक्त जीवन रखिए, सदा नियंत्रित मन रहे, आत्म तत्व में लीन।
सदा सजगता कायम हो, चंचलता हो ज्ञानमय, ज्यों मतवाली मीन।।
केन्द्रित आत्मोत्सर्ग रहे, अपना निर्णय आप लो, कभी न समझो दीन।
नव लय सुर गति सभी नवल, अपनी ढपली राग में, खूब बजाओ बीन।।

है महानतम कार्य यही , केवल खुद को जानना, कोशिश रहे अनंत।
कोई भी निज जाति रहे, ऊँचनीच सब भूलकर, तत्व ज्ञान बन पंत।।
अपना अनुभव सदा बड़ा, दूजों के मत मान मत, कोई कहे महंत।
आत्म चेतना विकसित कर, स्वयं मुक्ति दाता बनो, ऐसा बनिए संत।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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