*मनः संवाद—-*
मनः संवाद—-
04/10/2024
मन दण्डक — नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)
यति– (14,13,11) पदांत– Sl
दिल छोटा तू मत करना, खुशियाँ तुझको कम मिली, रहना नहीं उदास।
कोशिश में कुछ कमी रही, यही सत्य है जान ले, होगा ये आभास।।
अब की बार श्रेष्ठ करना, कठिन लक्ष्य है भेदना, करो महा अभ्यास।
खुशियाँ कदमों को चूमे, जग में जय जयकार हो, भर दो पंथ उजास।।
रख बुलंद हौसला सदा, खुद पर कर विश्वास तू, है हीरा अनमोल।
तू ही सबसे श्रेष्ठ यहाँ, पक्की तेरी जीत है, सदा स्वयं से बोल।।
करके सिद्ध दिखा जग को, तेरे जैसा कौन है, तू सचमुच बेतोल।
छोड़ दूसरों की बातें, जब होगी तेरी विजय, लोग बजायें ढोल।।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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