मधुर मिलन
मधुर मिलन की पूर्णता,भरे हृदय में प्रीतl
जीवन मधुमय हो गया,गूँज उठा संगीत ll१
कुन्द कुसुम खिलने लगे, जब आये तुम द्वार l
फूट -फूट बहने लगी, मादक मधु की धारll२
स्वप्न पंख फैला लिए, नींद क्षितिज के पारl
अर्पण मेरा सर्वस्व है, तुम पर प्राणाधार ।। ३
मन हर्षित होने लगा, पा कर अनुपम भेंट।
होठों की मुस्कान पर, दिया प्रेम रस फेंट ।। ४
पिक की मधुमय बाँसुरी, छेड़े पंचम राग।
तृप्त हुई हर वेदना,प्रखर प्रणय की आग ।। ५
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली