मधुराष्टक
🦚
( मधुराष्टक )
०००
मुरली मनोहर के अधर मधुर धरी ,
मोहना की मुरली की तान है मधुर रे ।
मुकट मयूर में मधुर है मयूर पाँख,
मुख है मधुर मुसकान है मधुर रे ।।
मधुर कपोलन पै झूलत मधुर लट,
मदन की भौंह की कमान हैं मधुर रे ।
ऐ रे मधुराधिपति ! मधुर तिहारी छबि,
‘ज्योति’ मनमोहना की सान है मधुर रे ।।१
०००
🦚
( मधुराष्टक)
०००
सखियाँ मधुर तेरे सखाहु मधुर श्याम,
भैया बलराम जी की बान है मधुर रे ।
ग्वालन कौ बालन कौ टोल है मधुर सँग ,
राधिका की जोट जाकी आन है मधुर रे ।।
प्यार है मधुर तेरौ यारहु मधुर तेरे,
हाथन में मुरली की तान है मधुर रे ,
ऐ रे मधुराधिपति! मधुर तिहारी छबि ,
‘ज्योति’ मनमोहना की सान है मधुर रे ।।२
०
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
🌱🌱🌱